Tuesday, 18 September 2018

उम्मीद का दिया, एक सुंदर प्रसंग

  .......... उम्मीद का दिया दीपक....

एक घर मे *पांच दिए* जल रहे थे।

एक दिन पहले एक दिए ने कहा -

इतना जलकर भी *मेरी रोशनी की* लोगो को *कोई कदर* नही है...

तो बेहतर यही होगा कि मैं बुझ जाऊं।

वह दिया खुद को व्यर्थ समझ कर बुझ गया ।

जानते है वह दिया कौन था ?

वह दिया था *उत्साह* का प्रतीक ।

यह देख दूसरा दिया जो *शांति* का प्रतीक था, कहने लगा -

मुझे भी बुझ जाना चाहिए।

निरंतर *शांति की रोशनी* देने के बावजूद भी *लोग हिंसा कर* रहे है।

और *शांति* का दिया बुझ गया ।

*उत्साह* और *शांति* के दिये के बुझने के बाद, जो तीसरा दिया *हिम्मत* का था, वह भी अपनी हिम्मत खो बैठा और बुझ गया।

*उत्साह*, *शांति* और अब *हिम्मत* के न रहने पर चौथे दिए ने बुझना ही उचित समझा।

*चौथा* दिया *समृद्धि* का प्रतीक था।

सभी दिए बुझने के बाद केवल *पांचवां दिया* *अकेला ही जल* रहा था।

हालांकि पांचवां दिया सबसे छोटा था मगर फिर भी वह *निरंतर जल रहा* था।

तब उस घर मे एक *लड़के* ने प्रवेश किया।

उसने देखा कि उस घर मे सिर्फ *एक ही दिया* जल रहा है।

वह खुशी से झूम उठा।

चार दिए बुझने की वजह से वह दुखी नही हुआ बल्कि खुश हुआ।

यह सोचकर कि *कम से कम* एक दिया तो जल रहा है।

उसने तुरंत *पांचवां दिया उठाया* और बाकी के चार दिए *फिर से* जला दिए ।

जानते है वह *पांचवां अनोखा दिया* कौन सा था ?

वह था *उम्मीद* का दिया...

इसलिए *अपने घर में* अपने *मन में* हमेशा उम्मीद का दिया जलाए रखिये ।

चाहे *सब दिए बुझ जाए* लेकिन *उम्मीद का दिया* नही बुझना चाहिए ।

ये एक ही दिया *काफी* है बाकी *सब दियों* को जलाने के लिए ....

सबसे बड़ा योग
एक दूसरे के सुख दुख में सहयोग
Himachal Flute 

Friday, 14 September 2018

दोस्ती की हिफाजत करना भी एक दायित्व है

एक बार एक केकड़ा समुद्र किनारे अपनी मस्ती में चला जा रहा था और बीच बीच में रुक कर अपने पैरों के निशान देख कर खुश होता। आगे बढ़ता पैरों के निशान देखता और खुश होता!
इतने में एक लहर आई और उसके पैरों के सभी निशान मिट गये, इस पर केकड़े को बड़ा गुस्सा आया, उसने लहर से कहा-
ए लहर मैं तो तुझे अपना मित्र मानता था, पर ये तूने क्या किया ,मेरे बनाये सुंदर पैरों के निशानों को ही मिटा दिया कैसी दोस्त हो तुम।
तब लहर बोली वो देखो पीछे से मछुआरे पैरों के निशान देख कर केकड़ों को पकड़ने आ रहे हैं। हे मित्र, तुमको वो पकड़ न लें ,बस इसीलिए मैंने निशान मिटा दिए। ये सुनकर केकड़े की आँखों में आँसू आ गये।
*सच यही है, कई बार हम सामने वाले की बातों को समझ नहीं पाते और अपनी सोच अनुसार उसे गलत समझ लेते हैं जबकि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, अतः मन में बैर और वैमनष्यता लाने से बेहतर है कि हम दिल से सोचें दिल की सुने फिर निष्कर्ष निकालें।*
माननीय नहीं मानवीय बनें!
Himachal Flute Studio Creation

जिंदगी की शाम ढलने को है

*ज़िन्दगी की शाम ढलने को है .. सावधान*

कभी इस लड़ाकू औरत से बात नहीं करूँगा ! 
पता नहीं समझती क्या है खुद को ? 
जब देखो झगड़ा..
सुकून से रहने नहीं देती ! बड़बड़ाते हुए वह घर से बाहर निकल गया ।

नजदीक के चाय के स्टॉल पर पहुँच कर चाय ऑर्डर की और सामने रखे स्टूल पर बैठ गया। 
"इतनी सर्दी में बाहर चाय पी रहे हो !"
उसने गर्दन घुमा कर देखा तो साथ के स्टूल पर बैठे बुजुर्ग उससे मुख़ातिब थे।
"आप भी तो इतनी सर्दी और इस उम्र में बाहर हैं !"

बुजुर्ग ने मुस्कुरा कर कहा...
मैं निपट अकेला । 
न कोई गृहस्थी, न साथी। 
तुम तो शादीशुदा लगते हो ।

पत्नी घर में जीने नहीं देती। हर समय चिकचिक। 
बाहर न भटकूँ तो क्या करूँ ! गर्म चाय के घूँट अंदर जाते ही दिल की  कड़वाहट निकल पड़ी।

बुजुर्ग अब थोड़ा संजीदा होकर बोले:
"पत्नी जीने नहीं देती ! बरखुरदार, ज़िन्दगी ही पत्नी से होती है । 
8 बरस हो गए हमारी पत्नी को गए हुए।"
बुजुर्ग ने ठंडी साँस के साथ अपनी वेदना छलकाते हुए कहा--जब ज़िंदा थी, 
कभी कद्र नहीं की। 
आज कम्बख़्त चली गयी तो भूलाई नहीं जाती । 
घर काटने को होता है। बच्चे अपने अपने काम में मस्त।"
आलीशान घर, धन दौलत सब है ! पर उसके बिना कुछ मज़ा नहीं...
यूँ ही कभी कहीं, कभी कहीं भटकता रहता हूँ।"

"कुछ अच्छा नही लगता, उसके जाने के बाद, पता चला वो धड़कन थी --- मेरे जीवन की ही नहीं, मेरे घर की भी ! सब बेजान हो गया  हैं... बुज़ुर्ग की आँखों में दर्द और आंसुओं का समंदर था।

उसने चाय वाले को पैसे दिए। नज़र भर बुज़ुर्ग को देखा। एक मिनट गंवाए बिना घर की ओर मुड़ गया।
चिंतित पत्नी दरवाजे पर ही खड़ी थी।
"कहाँ चले गए थे? जैकेट भी नहीं पहना, ठण्ड लग जाएगी तो?"

"तुम भी तो बिना स्वेटर के दरवाजे पर खड़ी हो।"
दोनों ने आँखों से एक दूसरे के प्यार को पढ़ लिया।

ज़िन्दगी कैसी है पहेली हाय !... 
कभी तो रुलाये कभी ये हँसाये !!! 
Himachal Flute
Studio Creation

प्रभु की महिमा

* हरिनाम जप किस प्रकार करें * जप करने के समय स्मरण रखने वाली कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातें : पवित्र हरिनाम को भी अर्च-विग्रह और पवित्र धाम ...