Wednesday, 29 April 2020

40 हजार का ईनाम

       सूचना देने वाले को 40 हजार का ईनाम:*

राम गोपाल सिंह  एक सेवानिवृत अध्यापक हैं ।

सुबह  दस बजे तक ये एकदम स्वस्थ प्रतीत हो  रहे थे ।
शाम के सात बजते- बजते तेज बुखार के साथ-साथ वे सारे लक्षण दिखायी देने लगे, जो एक कोरोना पॉजीटिव मरीज के अंदर दिखाई देते हैं।

परिवार के सदस्यों के चेहरों पर खौफ़ साफ़ दिखाई पड़ रहा था ।

उनकी चारपाई घर के एक पुराने बड़े से बाहरी कमरे में डाल दी गयी, जिसमें इनके पालतू कुत्ते "मार्शल" का बसेरा है ।

राम गोपाल जी कुछ साल पहले एक छोटा सा घायल पिल्ला सड़क से उठाकर लाये थे और अपने बच्चे की तरह पालकर इसको नाम दिया "मार्शल"।

इस कमरे में अब राम गोपाल जी, उनकी चारपाई और उनका प्यारा मार्शल हैं ।
दोनों बेटों -बहुओं ने दूरी बना ली और बच्चों को भी पास ना जानें के निर्देश दे दिए गये l

 सरकार द्वारा जारी किये गये नंबर पर फोन कर के सूचना दे दी गयी ।

खबर मुहल्ले भर में फैल चुकी थी, लेकिन मिलने कोई नहीं आया ।

साड़ी के पल्ले से मुँह लपेटे हुए,  हाथ में छड़ी लिये पड़ोस की कोई एक बूढी अम्मा आई और राम गोपाल जी की पत्नी से बोली -
"अरे कोई इसके पास दूर से खाना भी सरका दो, वे अस्पताल वाले तो इसे भूखे को ही ले जाएँगे उठा के ।"

अब प्रश्न ये था कि उनको खाना देनें  के लिये कौन जाए  ?

 बहुओं ने खाना अपनी सास को पकड़ा दिया l

 अब राम गोपाल जी की पत्नी के हाथ, थाली पकड़ते ही काँपने लगे, पैर मानो खूँटे से बाँध दिये गए हों ।

इतना देखकर वह पड़ोसन बूढ़ी अम्मा बोली-
 "अरी तेरा तो  पति है, तू भी ........।  मुँह बाँध के चली जा और दूर से थाली सरका दे, वो अपने आप उठाकर खा लेगा ।"

सारा वार्तालाप राम  गोपाल जी चुपचाप सुन रहे थे, उनकी आँखें नम थी और काँपते होठों से  उन्होंने कहा कि-
"कोई मेरे पास ना आये तो बेहतर है, मुझे भूख भी नहीं है ।"

इसी बीच एम्बुलेंस आ जाती है और राम गोपाल जी को एम्बुलेंस में बैठने के लिये बोला जाता है ।

राम गोपाल जी घर के दरवाजे पर आकर एक बार पलटकर अपने घर की तरफ देखते हैं ।

 पोती -पोते प्रथम तल की खिड़की से मास्क लगाए दादा को निहारते हुए और उन बच्चों के पीछे सर पर पल्लू रखे उनकी दोनों बहुएँ दिखाई पड़ती हैं ।

घर के दरवाजे से हटकर बरामदे पर, दोनों बेटे काफी दूर अपनी माँ के साथ खड़े थे।
विचारों का तूफान राम गोपाल  जी के अंदर उमड़ रहा था। 
उनकी पोती ने उनकी तरफ हाथ हिलाते हुए टाटा एवं बाई बाई कहा ।

एक क्षण को उन्हें लगा कि 'जिंदगी ने  अलविदा कह दिया ।'

राम गोपाल जी की आँखें लबलबा उठी ।

 उन्होंने बैठकर अपने घर की देहरी को चूमा और एम्बुलेंस में जाकर बैठ गये । 

उनकी पत्नी ने तुरंत पानी से  भरी बाल्टी घर की उस  देहरी पर उलेड दी, जिसको राम गोपाल चूमकर एम्बुलेंस में बैठे थे। 

इसे तिरस्कार कहो या मजबूरी, लेकिन ये दृश्य देखकर कुत्ता भी रो पड़ा और उसी एम्बुलेंस के पीछे - पीछे हो लिया, जो राम गोपाल जी को अस्पताल लेकर जा रही थी।

राम गोपाल जी अस्पताल में 14 दिनों के  अब्ज़र्वेशन पीरियड में  रहे ।

उनकी सभी जाँच सामान्य थी ।
उन्हें पूर्णतः स्वस्थ घोषित करके छुट्टी दे दी गयी ।

जब वह अस्पताल से बाहर निकले तो उनको अस्पताल के गेट पर उनका कुत्ता मार्शल बैठा दिखाई दिया ।

दोनों एक दूसरे से लिपट गये ।
एक की आँखों से गंगा तो एक की आँखों से यमुना बहे जा रही थी ।

जब तक उनके बेटों की लम्बी गाड़ी उन्हें लेने पहुँचती, तब तक वो अपने कुत्ते को लेकर किसी दूसरी दिशा की ओर निकल चुके थे ।

उसके बाद वो कभी दिखाई नहीं दिये ।

आज उनके फोटो के साथ उनकी  गुमशुदगी की खबर  छपी है l

*अखबार में लिखा है कि   सूचना देने वाले को 40 हजार का ईनाम दिया जायेगा ।*

40 हजार - हाँ पढ़कर  ध्यान आया कि इतनी ही तो मासिक पेंशन आती थी उनकी, जिसको वो परिवार के ऊपर हँसते गाते उड़ा दिया करते थे।

एक बार रामगोपाल जी के जगह पर स्वयं को खड़ा करो l
कल्पना करो कि इस कहानी में किरदार आप हो ।
आपका सारा अहंकार और सब मोहमाया खत्म हो जाएगा।

इसलिए मैं आप सभी से निवेदन करता हूं कि कुछ पुण्य कर्म कर लिया कीजिए l

जीवन में कुछ नहीं है l

कोई अपना नहीं है l

*जब तक स्वार्थ है, तभी तक आपके सब हैं।*

जीवन एक सफ़र है, मौत उसकी मंजिल है l

मोक्ष का द्वार कर्म है।

यही सत्य है।
सत्य यही है।।
🚩🙏जय भोले

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Friday, 24 April 2020

संगीत से सच्ची मित्रता

कहते हैं अगर इंसान का रिश्ता संगीत के साथ होता है उस इंसान के समीप तनाव कभी भी नहीं आता है ! भागदौड़ की जिंदगी में इंसान को कुछ वक्त अपने लिए भी रखना चाहिए! आप उस वक्त में मधुर संगीत सुनना चाहिए ताकि मन की ज्ञानेंद्रियों को शांति मिल सके और तनाव से मुक्त होकर के निर्मल हो सके! देखिए यह मधुर वीडियो यह निश्चित है आपको आनंद आएगा!

निमन दिए हुए लिंक पर क्लिक करें!
https://youtu.be/C9owb1lp_Zc

प्रभु की महिमा

* हरिनाम जप किस प्रकार करें * जप करने के समय स्मरण रखने वाली कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातें : पवित्र हरिनाम को भी अर्च-विग्रह और पवित्र धाम ...