Thursday, 20 December 2018

किसान का अहंकार

               बहुत ही सुंदर प्रसंग

एक संत एक गांव से गुजर रहे थे ।एक खेत में गेंहू के लहलहाते हुए पौधे देखकर उन्होंने कहा  'भगवान् की कृपा से इस बार फसल बहुत अच्छी हुई है' । 


खेत के किनारे हुक्का गुड़गुड़ातें हुए किसान ने यह सुनकर कहा  'साधु बाबा इसमें भगवान की कृपा कहां से आ टपकी ,  खून पसीना एक कर खेत जोता , बीज बोए, पानी देता रहा,.. मेरे परिश्रम के कारण ही खेत लहलहा रहा है '।  किसान की बात सुनकर साधु मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गये। 

कुछ दिन बाद उसी गांव से लौटते हुए संत उसी खेत के पास,   एक पेड़ के नीचे बैठ गए ...उन्होंने देखा कि गेंहू के पौधे झुलसे पड़े है,  उनमें कीड़ा भी लग गया था।

 संत को देखते ही.. किसान उनके लिए लोटा भर पानी ले आया।  संत ने किसान से सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा ' भैया बहुत बुरा हुआ ..हरे-भरे खेतों को क्या हो गया?'..

 किसान ने कहा - 'बाबा,  मुझे भगवान ने  कही का नही छोड़ा,  कीड़े ने पूरी फसल बर्बाद कर दी ।

यह सुनते ही संत ने कहा- 'लेकिन, उस दिन तो तुम कह रहे थे ...कि,  लहलहाती फसल तुम्हारी मेहनत का नतीजा है ..इसमें भगवान की कृपा नही है,  ऐसे में अब फसल की बर्बादी का दोष भगवान को क्यों देते हो , अपने प्रारब्ध या प्रकृति का दोष क्यों नही मानते'।

 किसान को समझ में आ गया कि ना तो उसका अहंकार ठीक था और ना ही तबाही के लिए भगवान को दोष देना उचित है !
हमसे जुड़ें-
Himachal Flute,You tube Channle  और Face book Page को Join करें!
🍃🌺Himachal Flute #यूट्यूब #चैनल का
Link👉💞🌸
https://www.youtube.com/channel/UCO7ArHsmVGuEG8q4Ogr3g1w
#और
Himachal Flute फेसबुक पेज का Link👉💞💞
Page link  https://www.facebook.com/HimachalFlute


Thank You

प्रभु की महिमा

* हरिनाम जप किस प्रकार करें * जप करने के समय स्मरण रखने वाली कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातें : पवित्र हरिनाम को भी अर्च-विग्रह और पवित्र धाम ...