Friday, 10 November 2017

पौंग डैम त्रासदी की अश्रुधारा

       

         




पोंग बांध एक वरदान या अभिशाप


पौंग बाधं वर्ष 1971में, कांगड़ा घाटी में व्यास नदी के ऊपर बनाया गया एक बांध है ! जिसका निर्माण वर्ष 1971-72 के बीच में पूर्ण हुआ ! सरकार ने हजारों की तादात में गांव खाली करवाये तथा लाखों की संख्या में लोगों को ये कह कर वायदा किया कि , आपकी जमीन के बदले में आपको राजस्थान राज्य में जमीन दी जाएगी !पर हुआ कुछ और,जहां लोगों के घर आंगन ,खेत ,खलियान डूबने पर विवश हो गए तो लोगो को सब कुछ छोड. के ऐक अंजान सफर पर निकलना पड़ा! उस वक्त सबसे ज्यादा समस्या गरीबी की थी! अधिकांश लोग गरीब थे!हमारे बुजुर्गों के बलिदान को आज हमारी युवा पीढ़ी भूल चुकी है!वस यही सोच के लोगो ने अपने हंसते खेलते परिवारो - घरो व जमीन को छोडा़ होगा,ताकि डैम बन ने से  प्रदेश का विकास हो सके! और हमारे बाद आने वाली पीढ़ी  इस विकास का फायदा ले सके !पर आज वक्त की मार की वजह से,हमारा ये बुजुर्ग वर्ग आंसू बहा रहा हैं! क्योंकि बहुत सारे लोग आज भी ऐसे हैं जिनको आज तक न्याय नहीं मिल पाया है तथा वो न्याय की आस में आज भी दर-दर भटक रहे हैं!
सरकार तो केवल हाई कमान से आदेश करती है!पर कभी किसी ने ये नहीं सोचा जब पौंग विस्थापित अपनी भूमि लेने हेतु राजस्थान में जाता है! तो उसके साथ क्या होता है! क्योंकि वहां पर पहले से भूमियों पर कब्जा किए हुए लोग, स्थानीय होने के नाते कमरों में बंद कर के मार -पीट रहे हैं,धमका रहे हैं! उम्र के आखिरी पड़ाव पर अगर किसी के साथ ऐसा होता है तो यह बहुत ही दुखद है !हमारे बुजुर्गों के साथ ऐसा अन्याय होते हुए भी देख कर ,हर राजतंत्र हर प्रजातंत्र चुप्पी साधे हुए हैं, आखिर क्यों? मैं नहीं जानता इन लोगों को अपनी दी हुई कुर्बानियों का कभी न्याय मिल पायेगा या नहीं ,क्योंकि आज हालात ऐसे हैं की युवा पीढ़ी भी उन लोगों के साथ नहीं हैं ,जिनके लिए हमारे बुजुर्गों ने यह त्याग दिया था! अधिकांश यह बुजुर्ग  पीढ़ी अपनी जिंदगी के आखरी पड़ाव पर है! दोस्तों , हम लोग जब भी इस झील के किनारे जाते होंगे तो बहुत ही आनंदित होते होंगे! क्योंकि यह नजारा एक समुद्र की भांति दिखाई देता है! पर जब कोई वह इंसान इस झील के किनारे जाता होगा, जिसके घर इस झील के भीतर डूबे हो,! तो उसके दिल पर क्या बीतती होगी! आप खुद कल्पना करिए! उसका दर्द तो वही समझ सकता है हम लोग नहीं! जब उसको वो आंगन दिखाई देता होगा जिसमें उसने बचपन गुजारा हो तो उसकी आंखें उसका दिल भी भीतर से नम हो जाता होगा! क्या युवा पीढ़ी का फर्ज नहीं बनता है अपने बुजुर्गों के बहते हुए आंखों की इस अश्रुधारा को हम भी रोके!व उनको न्याय दिलवाने में अपना सहयोग करें! अगर आपके साथ या आपके परिवार के साथ या आपके बुजुर्गों के साथ ऐसा अन्याय हुआ है या आप भी पोंग बांध त्रासदी के शिकार हैं तो अपना मोबाइल नंबर  कोंमेंट मे जरूर दे ,जल्द आपसे संपर्क किया जाएगा! 
आप का बेहतरीन सुझाव किसी को न्याय दिलाने में योगदान ला सकता है! आपके सुझाव आमंत्रित हैं!
पोंग डैम की दुखद त्रासदी पर एक वीडियो स्लाइड भी बना हुआ है जो कि YouTube पर डाला गया है तथा एक MP3 गाना भी बनाया गया है जिसको आप डायरेक्ट मुझसे कांटेक्ट कर के ले सकते हैं! यह गाना विशेषकर बुजुर्ग पीढ़ी को समर्पित है जिन्होंने अपना बलिदान दिया है !

Ajay Singh.9675300547

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